रिपोर्ट – मनीष कुमार मौर्या , नवगछिया
NAUGACHIA: सोनपुर डिवीजन के प्रमुख स्टेशनों में से एक कटरिया रेलवे स्टेशन पर पैदल पुल निर्माण को ले कर रेलवे अधिकारियों द्वारा कोई निर्णय नहीं लिए जाने से वहां के लोग आक्रोशित हो रहे हैं. बताते चलें कि कटिहार बरौनी रेलखंड के कटरिया स्टेशन पर पैदल पुल निर्माण को लेकर, वहां की जनता वर्षों से मांग कर रही है. परंतु इनकी आवाज मांग से रेलवे अधिकारी और जनप्रतिनिधियों द्वारा हर बार नजर अंदाज कर दिया जाता है.रेलवे प्लेटफॉर्म को पार करने के लिए लोगों को अपनी जान जोखिम में डाल कर रेलवे ट्रैक होकर प्लेटफार्म पर करना पड़ता है. कई बार जब रेलवे अधिकारी और डीआरएम जांच के लिए आते हैं तो, उन्हें इस समस्या के बारे में सूचित कर आवेदन भी दिया गया है लेकिन, हर बार इसे टाल दिया जा रहा है. वहां के ग्रामीणों बता रहे हैं किबीते 18 नवंबर को शाम में सोनपुर से डीआरएम निरीक्षण के लिए आए थे.
परंतु न ही वो यहां रुके और न हीं अब तक इस विषय पर कोई ठोस कदम उठाया गया है.बताया जा रहा है कि- रेल यात्रा के लिए रंगरा प्रखंड के सभी गांवों की 1.5 लाख से अधिक आबादी इस एकमात्र रेलवे स्टेशन पर निर्भर है.रेलवे स्टेशन के दक्षिण दिशा में टेंपो स्टैंड और 8 गांव है. जहां तक जाने के लिए सभी को रेल पटरी पार करना पड़ता है.स्टेशन के उत्तर में 5 गांव हैं. साथ ही दोनों ओर कई शिक्षण संस्थान और विद्यालय भी है. जिसके कारण छोटे छोटे स्कूली बच्चे भी रेल पटरी को पार कर के ही आते जाते हैं. जहां उनकी जान का खतरा बना रहता है.
कुछ महीने पहले एक महिला पटरी पार करने के दौरान एक पैसेंजर ट्रेन की चपेट में आ गई थी. स्टेशन के दोनों ओर बाजार हैं. व्यापारिक दृष्टिकोण से भी कटरिया रेलवे स्टेशन महत्वपूर्ण है और कई बड़ी गाड़ियों को पकड़ने के लिए और व्यापार के लिए यहां के ग्रामीणों नवगछिया जाते हैं. इस बीच भी सभी को रेल पटरियों को पार करना पड़ता है. कई बार ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना रेलवे प्रशासन को भी दिया गया, बावजूद भी अब तक इस विषय कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
कटरिया रेलवे स्टेशन समीप रंगरा प्रखंड के अनुराग कुमार आर्य, पप्पू राज, मनोज मंडल, राहुल ठाकुर, बेचन कुमार, दीपक मोदी आलम, विलास के साथ अन्य दर्जनों लोगों ने कहा है कि- रेल पदाधिकारियों, सरकार के साथ मंत्री, नेता व जनप्रतिनिधियों यदि इस मांग को पूरी नहीं करते हैं तो अब ग्रामीण चरणबद्ध तरीके से जनआंदोलन के लिए बाध्य होगी. जिसकी पूरी जिम्मेदारी रेलवे प्रशासन की होगी.