रिपोर्ट – मनीष कुमार मौर्या , नवगछिया
NAUGACHIA: नवगछिया व कदवा इलाके में मंगलवार को महिलाओं ने अपने अखंड सुहाग के लिए निर्जला उपवास कर हरतालिका तीज की व्रत की. जहां आज सुबह से हीं महिलाओं ने अपने घरों की साफ-सफाई कर, घर के आंगन को गोबर से चौका लगाई. शाम में एक दुसरे के हाथों मेंहदी रचा सोलहों श्रृंगार कर फल-फूल, दीप-बाती व नवैध समेत अन्य चढ़ावे के प्रसाद सामग्रियों से डलिया भर कर भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा आराधना की. वहीं व्रती महिलाओं ने भगवान शिव व पार्वती की कथा श्रवण भी कर रही थी. व्रत कर रखी मान्या पब्लिक स्कूल कदवा के प्रिंसिपल काजल सिंह कुशवाहा ने बतायी कि- यह व्रत सुहागिनों और कुंवारी कन्याओं की सबसे बड़े पर्व में से एक हरतालिका तीज है.
हिंदू धर्म में हरतालिका तीज का विशेष महत्व है. जो भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है. यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती से जुड़ा हुआ है. हरतालिका तीज को लेकर धार्मिक ग्रंथों में मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से महिलाओं के वैवाहिक जीवन में सुख और संतान की प्राप्ति होती है. धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक हरतालिका तीज त्रेता युग से हीं मनाया जा रहा है. इस दिन जो महिलाएं निर्जला व्रत रखती है, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
पुराणों में भी वर्णन है कि- हरतालिका तीज के दिन हीं पार्वती माता की तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. तभी से पूरे संसार में पति की लंबी आयु और मनोवांछित वर प्राप्त करने के लिए कुंवारी व सुहागिन महिलाएं हरतालिका तीज की व्रत हर साल करती आ रही है.