रिपोर्ट – मनीष कुमार मौर्या , नवगछिया
NAUGACHIA: भागलपुर जिले के नवगछिया प्रखंड में पीछले वर्ष की तरह इस बार भी यूरिया की कालाबाजारी का खेल शुरू हो गया है. स्थानीय दुकानदारों की मानें तो, इस खेल में प्रखंड से लेकर जिला कृषि पदाधिकारियों तक का उदासीनता रवैया रहा है. जिसकी खामियाजा इस साल भी किसान भुगतने को मजबूर हैं. भागलपुर जिले के विभिन्न प्रखंडों में अभी जितनी गरमा धान की खेती नहीं हो रही है, उससे ज्यादा अभी अन्य प्रखंडों में मक्का, गेहूं, राई व अन्य प्रकार की रवि फसलों की खेती की जा रही है. नवगछिया प्रखंड कृषि पदाधिकारी महेंद्र राय व कॉर्डिनेटर रीतेश कुमार से पूछने पर उन्होंने बताया कि- यूरिया की आवंटन जिला कृषि पदाधिकारी करते हैं. जहां अभी धान की खेती हो रही है, सारे यूरिया वहां भेजी जा रही है. यूरिया कहां भेजना है, कहां नहीं सारा निर्देश डीएओ करते हैं.
जब उससे भागलपुर जिले में मक्के जैसे अन्य प्रकार की खेती भी होने की बात कही गई तो, इस बात की ज़िक्र पर उन्होंने बताया कि दो-तीन दिन के अंदर नवगछिया के कदवा व ढोलबज्जा में भी यूरिया की आवंटन कर दी जायेगी. स्थानीय खाद दुकानदारों की मानें तो नवगछिया में परसों “इफको” व आज “अपना यूरिया” की रैक लग चूकी है. जिसमें एक बार भी कदवा के तीनों पंचायतों कदवा दियारा, खैरपुर कदवा व ढोलबज्जा को यूरिया आवंटन नहीं की गई.
वहां के किसान इस कदर यूरिया के लिए भटकने लगे हैं कि- किसान अब ₹ 450-500 बोरी यूरिया खरीदने को मजबूर हैं. स्थानीय लोग यह भी बता रहे हैं कि यहां जिस दुकानदार को लाइसेंस हैं, उन्हें पदाधिकारियों द्वारा जानबूझकर यूरिया नहीं भेजा जा रहा हैं. बिना लाइसेंसी दुकानदार को मनमाने ढंग से वसूली कर संबंधित अधिकारियों द्वारा मिलन चौक से लेकर खैरपुर कदवा बाजार व ढोलबज्जा तक यूरिया की आवंटन चोरी-छिपे करा रहे हैं. जहां लोग पहले यूरिया के लिए जाते हैं तो, पहले दुकानदार यूरिया नहीं होने की बात कहते हैं, फिर चोरी छिपे देने की नाम पर मनमाने वसूली करते हैं. जहां मजबूर किसान यूरिया लेने को बेवस हो जाते हैं.