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नवगछिया जेल के बंदी संतोष कुमार की मौत के बाद जेल के अंदर बंदियों ने और बाहर परिजनों ने किया हंगामा

रिपोर्ट – मनीष कुमार मौर्या , नवगछिया

NAUGACHIA: बिहपुर सोनवर्षा निवासी हत्याकांड के विचाराधीन बंदी संतोष कुमार की संदेहास्पद मौत को लेकर अनुमंडल कारा नवगछिया गेट के सामने मृतक के परिजनों ने हंगामा किया है. वहीं दूसरी तरफ कारा में रहने वाले अन्य बंदियों ने भी हंगामे केसाथ प्रदर्शन किया है. संतोष की मौत के बाद बंदी उग्र होकर नारेबाजी कर रहे थे. सूचना पर नवगछिया एसपी सुशांत कुमार सरोज, एसडीओ उत्तम कुमार, एसडीपीओ दिलीप कुमार और सीओ विश्वास आनंद ने उपकारा पहुंच कर बंदियों को समझा बुझा कर शांत किया. पदाधिकारियों की टीम द्वरा दिन भर कैंप कर बंदियों को काफी देर तक समझाया बुझाया गया. वहीं बताया जा रहा है कि बंदियों ने जेल में मिलने वाले खाने की भी शिकायत पदाधिकारियों से की है.

जिसके बाद पदाधिकारियों ने भी नवगछिया जेल के बंदियों के साथ भोजन किया. जिसके बाद बंदी संतुष्ट थे. इधर सुबह करीब नौ बजे कारा के गेट पर मृतक की पत्नी समेत परिजन और अन्य ग्रामीणों भी पहुंच गए कर हंगामा करने लगे. हंगामे कर रहे लोग जेल के अंदर जा कर घटना स्थल देखने की जिद कर रहे थे. हालांकि पुलिस सख्ती के बाद परिजन मुख्य गेट से हट गए. इसके बाद परिजनों का नेतृत्व आजाद हिंद मोर्चा के अध्यक्ष राजेंद्र यादव करने लगे. राजेंद्र यादव के नेतृत्व में लोगों ने जम कर नारे बाजी भी किया. करीब तीन घंटे तक परिजन जेल गेट के पास डटे रहे. इस दौरान शांति विधि-व्यवस्था को लेकर आस पास के कई थानों से पुलिस बलों को बुलाया गया.

एसडीओ उत्तम कुमार और एसडीपीओ दिलीप कुमार ने लोगों को समझने बुझाने का प्रयास किया. मौके पर ही सोनवर्षा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि लाली मुखिया ने अपने स्तर से मृतक के परिजनों को ₹15000 नगदी दिया. जबकि प्रशासनिक पदाधिकारियों ने मामले की न्यायिक जांच कराने और परिजनों को विधिवत मुआवजा दिलवाने में मदद करने की बात कही है. जिसके बाद ग्रामीण और मृतक के परिजन अपने गांव लौटे. इधर मृतक का शव परिजनों को सौंप दिया गया है. बताया जा रहा है कि- मृतक का विधिवत दाह संस्कार लत्तीपुर के सिकिया घाट पर किया गया है.

बार बार कह रही है मृतक की पत्नी, उसके पति को जहर की सूई देकर मार डाला है

मृतक की पत्नी रूसा देवी बार बार कह रही थी कि उसके पति को जहर की सुई दे कर मार डाला गया है. जब उसके पति की हालत खराब हुई तो, जेल प्रशासन से उसको सूचना मिलना चाहिए था. लेकिन किसी भी प्रकार की सूचना उन्हें नहीं दी गयी. रुषा देवी ने कहा कि- जब उसके पति जेल गए तो उनका परिवार अस्त व्यस्त हो गया. क्योंकि संतोष ही मेहनत मजदूरी करने वाला उसके परिवार का इकलौता सदस्य था. अब उनकी मौत के बाद उसके तीन बच्चों का भरण पोषण कैसे होगा? इसकी चिंता भी उसे खायी जा रही है. रुषा देवी ने पिछले 24 घंटे से कुछ नहीं खायी थी. दाह संस्कार के बाद आस पास के ग्रामीण महिलाओं की जिद पर उसने अल्पाहार की है. इधर आजाद हिंद मोर्चा के अध्यक्ष राजेंद्र यादव ने कहा कि जेल में महज तीन माह के अंदर यह दूसरी मौत है. यह जेल है या मौत का घर. मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.

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