बिहार में तेजस्वी यादव सत्ता में तो आ गए लेकिन अब उनके विधायकों के लिए मुश्किलें निरंतर बढ़ती जा रही है। एक के बाद एक राजद के विधायकों के अपराधिक रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के बाद अब कतार में हैं राजद विधायक अजय यादव जिनके खिलाफ एक 9 साल पुराने मुकदमे में पुलिसवाले ने गवाही दे दी है।
बता दें गया जिले की अतरी विधानसभा से विधायक अजय यादव उर्फ रंजीत यादव के खिलाफ आर्म्स एक्ट और अन्य धाराओं के तहत कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। मामले में फिलहाल अदालत में गवाहों की टेस्टिंग हो रही है। मामला साल 2013 का है जब अजय यादव विधायक नहीं बने थे। 9 साल पुराने इस मामले में अपराध अन्वेषण ब्यूरो के इंस्पेक्टर विनोद कुमार ने गया कोर्ट में गवाही दी।
इंस्पेक्टर ने बताया की उस दौरान उनकी ड्यूटी गया के बुनियादगंज थाना में थी। इस मामले में जब जांच हुई तो आरजेडी विधायक अजय यादव के घर से देसी पिस्तौल, जिंदा गोली, खून लगा लाठी और लोहे का रॉड मिला था। गवाही के दौरान इंस्पेक्टर ने बताया कि अपर पुलिस अधीक्षक गया के नेतृत्व में नीमचक बथानी, खिजरसराय, बुनियादगंज व सरबहदा की पुलिस के साथ संयुक्त छापामारी की गई और तलाशी के दौरान ये सारी चीज़ें बरामद की गई थी।
बता दें की बुधवार को नीमचक बथानी थाना कांड संख्या 22/ 2013 के तहत गया कोर्ट में गवाहों की पेशी थी। अब इस तरीके से इंस्पेक्टर के राजद विधायक के खिलाफ गवाही देने से विधायक की मुश्किलें बढ़ सकती है। भाजपा के नेताओं को सत्तापक्ष पर कटाक्ष करने का एक और मौका मिल गया है। तेजस्वी यादव अपने विधायकों के अपराधिक रिकॉर्ड को लेकर क्या कहेंगे वो भी देखने वाली बात होगी।