BIHAR: 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) की शुरुआत हो जाएगी. पहले दिन कलश स्थापना के साथ ही मां शैलपुत्री की पूजा होगी. चैत्र नवरात्र को लेकर बिहार के सभी शक्तिपीठ, सिद्धपीठ या अन्य देवी मंदिरों में विशेष तैयारी की जा रही है. पटना के प्रसिद्ध शक्तिपीठ बड़ी पटन देवी मंदिर में नवरात्र को लेकर विशेष पूजा की जाती है. यहां भक्तों की भीड़ काफी होती है. नवरात्र के समय में मंदिर प्रशासन के साथ स्थानीय पुलिस भी चौकस रहती है.
पटन देवी मंदिर के मुख्य पुजारी विजय शंकर गिरी ने बताया कि चैत्र नवरात्र को लेकर हर साल की तरह इस बार भी पूरे विधि विधान के साथ नवरात्रि की पूजा होनी है. प्रतिदिन सुबह पांच बजे पटन देवी मंदिर का पट खुलता है. छह बजे आरती होती है. इसके बाद श्रद्धालु दर्शन करते हैं. रात में नौ बजे अंतिम आरती होती है. नवरात्र को लेकर 22 मार्च बुधवार को सुबह में पट खुलेगा लेकिन आरती नहीं होगी.
पटना देवी में होगी तीन आरती
विजय शंकर गिरी ने बताया कि बुधवार को 11 बजे दिन में माता को आसन पर विराजमान किया जाएगा और विधि विधान से पूजा के बाद 12:00 बजे कलश स्थापना किया जाएगा. प्रथम आरती दो बजे होगी. आरती के बाद पुनः पूजा शुरू होगी और दूसरी आरती चार बजे शाम को होगी. इसके बाद रात के नौ बजे अंतिम आरती होगी. बुधवार को नवरात्रि के दिन पटन देवी मंदिर में कुल तीन आरती होगी.
श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए सुबह से पट खुला रहेगा लेकिन कलश स्थापना से दूसरी आरती के समय तक गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित रहेगा. उस वक्त श्रद्धालु बाहर से दर्शन कर सकते हैं. दूसरी आरती के बाद रात्रि नौ बजे तक श्रद्धालु माता का दर्शन पूजन कर सकते हैं. पहले दिन पटन देवी मंदिर में ज्यादा भीड़ उमड़ने की उम्मीद है. मंदिर प्रशासन के सभी वालंटियर सुबह से तैयार रहेंगे. इसके साथ ही स्थानीय आलमगंज थाने को भी सूचना दे दी गई है.
कलश स्थापन का दो बार है शुभ मुहूर्त
महावीर पंचांग के अनुसार नवरात्रि की शुरुआत प्रातः काल से ही हो जाएगी जो रात्रि 9:30 बजे प्रतिपदा (एक्कम) तक रहेगा. इस दौरान प्रथम देवी शैलपुत्री की पूजा की जाएगी. कलश स्थापना भी किया जाएगा. पटना के राम जानकी मंदिर के पुजारी श्यामसुंदर शरण ने बताया कि कलश स्थापना के लिए पूरा दिन शुभ है. बुधवार को दो बार स्थिर लग्न है. सबसे पहला सुबह 8:50 से 10:47 तक है दूसरा दोपहर 3:19 बजे से शाम 5:32 बजे तक है.