BIHAR: पूर्णिया में एयरपोर्ट का मामला लगातार सुर्खियां बटोर रहा है. एयरपोर्ट की मांग केवल बिहार तक ही सीमित नहीं रह गई है. बाहर से आ रहे लोग भी इसकी मांग उठा रहे. राजस्थान से पुर्णिया आया एक परिवार अपनी बेटी की शादी समारोह में भी एयरपोर्ट की मांग करता दिखा. शुक्रवार को इसकी एक तस्वीर सामने आई है जिसमें परिवार के लोग हाथ में एयरपोर्ट की मांग वाला पोस्टर लेकर खड़े हैं. उनका कहना रहा कि दूरी की वजह से उनको काफी दिक्कत हुई और तीन से चार दिन केवल ट्रैवलिंग में ही निकल गए.
राजस्थान निवासी परिवार ने की बेटी की यहां शादी
बताया गया कि इस परिवार की बेटी की शादी पूर्णिया के जाने-माने हड्डी रोग डॉक्टर अंगद कुमार चौधरी के छोटे भाई से हुई है. यह परिवार राजस्थान का क्षत्रिय परिवार है और इन लोगों ने लगभग चार दिन पूर्णिया में रह कर शादी के आयोजन को सफल किया. इसमें लड़की की मां सा, पिताजी, भाई, बहन, बहनोई सभी लोग शामिल थे, लेकिन इन लोगों की एक शिकायत थी कि केवल आने जाने में ही चार से पांच दिन लग गए. इन लोगों से जब एयरपोर्ट के मुद्दे पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम लोग अगर हवाई यात्रा यहां से कर पाते तो समय की ज्यादा बचत होती और अपनी बच्ची की शादी में ज्यादा से ज्यादा समय दे पाते.
आने जाने में लग गए चार दिन
एयरपोर्ट की मांग को लेकर चल रहे कैंपेन से जुड़ते हुए इस परिवार के लोगों ने कहा कि राजस्थान की जनता की ओर से हम लोग भी पूर्णिया एयरपोर्ट की मांग करते हैं. हाथ में पूर्णिया एयरपोर्ट की मांग से पटे पोस्टर थामे सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द पूर्णिया में सिविल एयरपोर्ट प्रारंभ करें. लड़की की मां का नाम सूरज कंवर और पिता का नाम खुमान सिंह है. ये सभी लोग अपनी लड़की की शादी प्रेम कंवर की शादी लड़के सुजीत से करने आए थे. लड़के के पिता का नाम नीलांबर चौधरी और माता का नाम सुशीला देवी है. यह पूरा परिवार राजस्थान के पोखरण से पूर्णिया आया था.
पोस्टर के साथ खड़ा हो गया परिवार
पोस्टर के साथ पूर्णिया एयरपोर्ट की मांग करने वालों में लड़की के परिवार के प्रेम सिंह, धर्मेंद्र सिंह, भागवत सिंह, जसवंत सिंह, प्रदीप सिंह, दलपत सिंह, प्रिंस ,हिमांशु ,दीक्षा कंवर सहित घर की सारी महिलाएं थीं. प्रदीप सिंह ने एयरपोर्ट के मामले पर कहा कि हम लोगों को जो परेशानी राजस्थान से आने और जाने में हुई वह एयरपोर्ट का उपयोग करने के बाद नहीं होती. हवाई यात्रा हमारे समय को कम करता है. कहा कि 56 घंटे जाने और 56 घंटे आने में हमारा काफी समय बीत गया. हम लोगों को भी साल में अब दो-तीन बार यहां आना ही होगा. ऐसे भी राजस्थान के बहुत लोग यहां आते हैं और जाते हैं क्योंकि यहां भी बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो राजस्थान से व्यवसाय करते हैं.