BIHAR: बिहार के मधुबनी जिले में सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने रविवार को भारतीय सीमा से नेपाल में प्रवेश करते समय दो विदेशी नागरिकों को पकड़ा है. जिनमें से एक 31 वर्षीय नागरिक की पहचान जर्मन के रहने वाले इरविन लाके और महिला की पहचान ऑस्ट्रेलिया की रहने वाली 25 वर्षीय एलेक्सिया तारा मेगराइथ के रूप में हुई है. इन दोनों के वीजा की अवधि 16 जनवरी को समाप्त होने वाली है, इसलिए दोनों भारत के रास्ते नेपाल जाना चाह रहे थे. एसएसबी जवानों ने दोनों विदेशी नागरिकों को प्रवेश और निकास के नियमों की जानकारी देते हुए उन्हें छोड़ दिया.
16 जनवरी को खत्म होने वाला है वीजा
मधुबनी जिले के हरलाखी प्रखंड के पिपरौन चेक पोस्ट पर, 48वीं वाहिनी, सशस्त्र सीमा बल, जयनगर के सीमा संपर्क दल के द्वारा रविवार को दो विदेशी नागरिकों को भारतीय सीमा से नेपाल में प्रवेश करते समय रोका गया. उनके पासपोर्ट और ई-वीजा (पर्यटक वीजा) की जांच करने पर पता चला कि उन्होने 17 अक्टूबर 2024 को अन्ना, अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, चेन्नई के माध्यम से भारत में प्रवेश किया था.
पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि वे भारत में विभिन्न स्थानों पर घूम चुके हैं और वाराणसी से ट्रेन द्वारा जयनगर पहुंचे हैं. विदेश नागरिक ने बताया कि वे नेपाल की यात्रा पर जाने की योजना बना रहे थे. क्योंकि भारत में उनका अधिकतम प्रवास काल 90 दिन है जिसकी अवधि 16 जनवरी को समाप्त हो जाएगी. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि वे इस मार्ग से न तो नेपाल जा सकते हैं और न ही नेपाल से भारत में प्रवेश कर सकते हैं.
चेन्नई एयरपोर्ट से भारत में आए थे विदेशी
समवाय प्रभारी पिपरौन द्वारा पूछताछ के बाद यह भी पुष्टि हुई कि उन्होने वैध ई-वीजा के साथ चेन्नई एयरपोर्ट के माध्यम से वैध तरीके से भारत में प्रवेश किया है. एसएसबी के समवाय प्रभारी द्वारा उन्हे प्रवेश और निकास के नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी देकर छोड़ दिया. साथ ही उन्हें यह भी सलाह दी गई कि वे वैध रूप से अनुमत आवागमन मार्ग या हवाई मार्ग से ही नेपाल में प्रवेश करें.
उपरोक्त प्रकरण में गोविंद सिंह भण्डारी कमांडेंट 48वीं वाहिनी द्वारा सीमा संपर्क दल टीम की सराहना करते हुए भविष्य में भी इसी प्रकार की चौकसी बरतने का निर्देश दिया. इस घटना की जानकारी सशस्त्र सीमा बल की अन्य सीमा चौकियों को भी दे दी गई है. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यदि दोनों विदेशी नागरिक उनके उत्तरदायित्व क्षेत्र (एओआर) से बाहर निकलने का प्रयास करें तो उन्हें रोका जा सके.