BIHAR: 22 जनवरी को होने वाली राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश भर में उत्साह है. इसका उत्साह बिहार में भी दिख रहा है क्योंकि कैमूर के स्पेशल चावल से रामलला को भोग लगाया जाएगा. गोविंद भोग नाम का स्पशेल चावल कैमूर जिले के भभुआ प्रखंड के मोकरी गांव में होता है. हालांकि अन्य जगहों पर भी यह चावल होता है लेकिन यहां की खासियत अलग है.
यह गांव माता मुंडेश्वरी के पास बसा हुआ है. इस गांव से भोग लगाने के लिए पिछले सात सालों से चावल जा रहा है. मोकरी के किसानों में काफी खुशी है कि रामलला 22 तारीख को अयोध्या में विराजमान होंगे और यहां के चावल से उनका भोग लगेगा.
मोकरी के गोविंद भोग चावल की अपनी सुगंध है. गुणवत्ता भी अलग है. यही वजह है कि यह विश्व विख्यात है. लोग बताते हैं यह चावल मोकरी गांव के कुछ खास खेतों में ही यह होता है. पूरे साल में जिस किसान के खेत में चावल होता है उस खेत में सिर्फ एक पैदावार हो पाता है.
जानिए चावल की खासियत
ग्रामीण बताते हैं मोकरी में 6 से 7 की संख्या में ऐसे कुएं हैं जिसमें बारिश का पानी पहुंचता है. बारिश के दिनों में पहाड़ी क्षेत्र में हुआ पानी अंदर ही अंदर रिसकर प्रवेश करता है और फिर कुएं का पानी अपने आप बाहर निकल कर खेतों तक पहुंच जाता है. इससे पूरा खेत बारिश के मौसम में लबालब भर जाता है. धान की बालियां खेतों में महीनों डूबी रहती हैं, लेकिन इनका रंग ना तो काला होता है और ना ही गुणवत्ता पर कोई असर पड़ता है. यह भी खासियत है कि बारिश के समय में कैमूर पहाड़ी की जड़ी बूटी के रिसाव का पानी भी खेतों तक पहुंचता है. बताया जाता है कि इस चावल की कीमत अभी 5 से 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल है.
22 जनवरी से पहले पहुंचेगा चावल
मोकरी के किसान बैरिस्टर सिंह, बबन सिंह, अभिमन्यु सिंह और अवनीश पटेल ने बताया कि यहां का गोविंद भोग चावल सुगंधित है जो पिछले कई सालों से रामलाल को भोग के लिए जाता है. यहां से चावल देश विदेश भी जाता है. 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन होगा तो वहां इसी चावल से रामलाल का भोग लगेगा. 22 जनवरी से पहले चावल पहुंच जाएगा.