PATNA: मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में मंगलवार को एससी- एसटी कोर्ट में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया. जब कोर्ट ने चार्जशीट दायर करने वाले आईओ दारोगा से लगाए गए धारा के बारे में पूछा तो वह इधर-उधर देखने लगे. बाद में उन्होंने खुद जानकारी नहीं होने का बयान दिया. जिसके बाद कोर्ट ने दारोगा कर एक्शन लेते हुए उचित कानूनी कार्रवाई का निर्देश दिया.
दरअसल, अगस्त 2023 में मिठनपुरा स्थित निजी गर्ल्स हॉस्टल में छात्रा का शव फंदे से लटका हुआ मिला था. छात्रा ने अपने पिता को बताया था कि होस्टल में अनैतिक कार्य हो रहा है. ऐसे में शाम को जब पिता उसे लेने पहुंचे तो उसकी मौत हो चुकी थी. इस घटना के बाद पिता ने मिठनपुरा थाने में हत्या का एफआईआर दर्ज कराया था.
इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने रिटायर्ड पुलिस कर्मी बदरी प्रसाद सिन्हा, हॉस्टल कर्मी शत्रुघ्न महतो, हॉस्टल कर्मी उपेंद्र चौधरी और लीलू देवी को नामजद आरोपित बनाया था. ऐसे में मंगलवार को जब एससी- एसटी कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई तो पता चला कि जिन धाराओं में चार्जशीट दायर की गई है, आईओ को उसी धारा का ज्ञान नहीं है. वहीं, दारोगा की धारा की जानकरी नहीं होने की गवाही से पूरा कोर्ट भी हैरान रह गए.