Republic Day 2025: 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर बिहार की झांकी भी देखने को मिलेगी. आठ साल बाद बिहार की झांकी को गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने का मौका मिलेगा. बिहार की इस झांकी में ज्ञानभूमि नालंदा की प्राचीन विरासत एवं उसके संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों के साथ ही नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना के माध्यम से बिहार को पुन: शिक्षा के मानचित्र पर वैश्विक रूप में स्थापित करने के प्रयास को दर्शाया गया है.
इसके अलावा झांकी में भगवान बुद्ध की अलौकिक एवं भव्य मूर्ति के साथ घोड़ा कटोरा झील को इको टूरिज्म स्थल के रूप में विकसित करने के अनूठे प्रयास को भी दर्शाया गया है. झांकी के अग्र भाग में बोधिवृक्ष इस बात का संदेश दे रही है कि इसी धरती से ज्ञान का प्रकाश संपूर्ण विश्व में फैला है.

झांकी में भगवान बुद्ध को भी प्रदर्शित किया गया
बिहार राज्य की झांकी में बिहार की समृद्ध ज्ञान एवं शांति की परंपरा को प्रदर्शित किया गया है. झांकी में शांति का संदेश देते भगवान बुद्ध को प्रदर्शित किया गया है. भगवान बुद्ध की यह अलौकिक मूर्ति राजगीर स्थित घोड़ा कटोरा जलाशय में स्थित है जहां प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं. वर्ष 2018 में स्थापित एक ही पत्थर से बनी 70 फीट की भगवान बुद्ध की इस अलौकिक एवं भव्य मूर्ति के साथ घोड़ा कटोरा झील का विकास इको टूरिज्म के क्षेत्र में बिहार सरकार का अनूठा प्रयास है.
झांकी में प्राचीन व समृद्ध विरासत के चित्रों को भी उकेरा
झांकी में प्राचीन नालंदा महाविहार (विश्वविद्यालय) के भग्नावशेषों को भी दर्शाया गया है, जो इस बात के साक्षी हैं कि चीन, जापान एवं मध्य एशिया के सुदूरवर्ती देशों से छात्र यहां ज्ञान की प्राप्ति के लिए आते थे. नांलदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष प्राचीन भारत की ज्ञान परंपरा के प्रतीक हैं. इन भग्नावशेषों का संरक्षण एवं संवर्द्धन भारतीय सांस्कृति की धरोहर को संजोने के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है. बिहार सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों से नालंदा का प्राचीन गौरव पुर्नस्थापित हो रहा है. झांकी में बिहार की प्राचीन एवं समृद्ध विरासत को भित्ति चित्रों के माध्यम से भी उकेरा गया है.
नवनिर्मित नालंदा विश्वविद्यालय का PM मोदी ने किया था लोकार्पण
प्राचीन नालंदा को ज्ञान केंद्र के रूप में पुर्नस्थापित करने की दृष्टि से राजगीर में ही अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है. नवनिर्मित नालंदा विश्वविद्यालय का लोकार्पण पिछले साल 19 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की वास्तुकला पर आधारित इस आधुनिक संरचना में सारिपुत्र स्तूप, गोपुरम प्रवेश द्वार तथा पारम्परिक बरामदे की अवधारणा को दर्शाया गया है. पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से निर्मित इन संरचनाओं से यह विश्वविद्यालय कार्बन न्यूट्रल तथा Net Zero कैंपस के रूप में स्थापित हुआ है.