रिपोर्ट – मनीष कुमार मौर्या, नवगछिया
NAUGACHIA: सोमवार को तीन नए अपराधिक कानून लागू होने पर कदवा व ढोलबज्जा थाने में एक बैठक बुला कर लोगों को जागरूक किया गया। साथ हीं उपस्थित लोगों के बीच तीनों नए अपराधिक कानूनों के बारे में जानकारी के लिए बुकलेट वितरण किया गया। बैठक में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रशिक्षु डीएसपी मोहम्मद इश्तेखार अहमद अंसारी ने बताया कि- तीनों अपराधिक कानून लागू हो जाने पर अब आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता(बीएनएसएस) व इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम(बीएसए) लागू हो गया है। पहले हत्या के लिए आईपीएस में धारा 302 थी जो कि बीएनएस में अब धारा 101 हो गई है। हत्या का प्रयास मुकदमा में धारा 307 दर्ज होता था, अब धारा 109 दर्ज होगा।
गैर इरादतन हत्या के लिए धारा 304 की जगह धारा 105 लागू होगी। दहेज हत्या से जुड़ी धारा 304बी की जगह अब धारा 80 होगी। चोरी के लिए धारा 379 का मुकदमा दर्ज होता था, अब धारा 303 में दर्ज होगी। भारतीय न्याय संहिता में राजद्रोह को समाप्त कर भारत की एकता व अखंडता खतरा पहुंचाने वाले कृत्यों को अब देशद्रोह में शामिल किया गया है। जिस पर धारा 152 लगाई जाएगी। पहले आईपीसी में मॉब लिचिंग का जिक्र नहीं था। अब इस अपराध के लिए धारा 103(2) के तहत उम्रकैद से लेकर मौत तक की सजा हो सकती है। इसी तरह रेप की धारा 376 से बदलकर अब 64 हो गई है। छेड़छाड़ का मुकदमा धारा 74 के तहत दर्ज होगा। धोखाधड़ी का केस धारा 420 की जगह अब 318 के तहत दर्ज होगा। लापरवाही से मौत का मामला धारा 106 के अंतर्गत आएगा जो पहले 304ए में आता था। आपराधिक षड्यंत्र के लिए धारा 120बी की जगह धारा 61 लागू होगी। मानहानि के लिए धारा 499, 500 की जगह अब 356 लागू होगी। लूट और डकैती के लिए धारा 309 और धारा 310 होगी।
न्याय पर केंद्रित तीनों नए आपराधिक कानून को राज्य में प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए बिहार पुलिस पूरी तरह से तैयार है। नए कानून में डिजिटल तौर पर एफआईआर, नोटिस, समन, ट्रायल, रिकॉर्ड, फॉरेंसिक, केस, डायरी एवं बयान को संग्रहित किया जाएगा। तलाशी और जप्ती के दौरान वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी के लिए बिहार पुलिस के सभी अनुसंधानकर्ताओं को लैपटॉप और मोबाइल उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रत्येक स्थान का नए उपकरणों के साथ आधुनिकीकरण किया जा रहा है। अब हर थाने में वर्क स्टेशन, डाटा सेंटर तथा अनुसंधान हॉल, रिकॉर्ड रूम और पूछताछ कक्ष का भी जल्द निर्माण होगा।
नागरिक घटनास्थल या उससे परे कहीं से भी एफआईआर दर्ज कर सकते हैं। पुलिस द्वारा पीड़ित को 90 दिनों के अंदर जांच की प्रगति के बारे में सूचित करना अनिवार्य है। महिला अपराध की स्थिति में 24 घंटे के अंदर पीड़िता की सहमति से उसकी मेडिकल जांच की जाएगी। साथ ही 7 दिनों के अंदर चिकित्सक उसकी मेडिकल रिपोर्ट भेजेंगे। कदवा थाने की बैठक में थानाध्यक्ष मोहम्मद नसीम अंसारी के साथ सभी पुलिसकर्मियों, खैरपुर कदवा पंचायत के मुखिया पंकज कुमार जायसवाल, पूर्व मुखिया अजय कुमार, सरपंच बिरेंद्र मंडल, पंचस सरीता देवी, कदवा दियारा पंचायत के मुखिया नरेश सिंह, सरपंच सिराज साह, माले नेता रामदेव सिंह के साथ दर्जनों गणमान्य लोग व स्कूली छात्राएं शामिल थे। उधर ढोलबज्जा थाना में भी थाना धर्वेंद्र कुमार यादव के साथ सभी पुलिसकर्मियों, पंचायत के मुखिया सच्चिदानंद यादव उर्फ सच्चो, सरपंच सुशांत कुमार व अन्य जनप्रतिनिधि के साथ दर्जनों लोग शामिल थे। सभी ने राष्टगान के साथ कार्यक्रम को समाप्त किया।