BIHAR MEASUREMENT: अब जमीन की मापी के लिए कागज पर लिखा पढ़ी की जरूरत नहीं है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के पोर्टल पर एक क्लिक के सहारे मापी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अधिकतम 30 दिनों के भीतर जमीन की मापी हो जाएगी। विभाग के मंत्री आलोक कुमार मेहता बुधवार को ई-मापी पोर्टल लॉन्च किया। विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा और सचिव जय सिंह भी समारोह में उपस्थित थे।
मंत्री ने बताया कि http://emapi.bihar.gov.in पर रैयत सबसे पहले व्यक्तिगत विवरण और मोबाइल नंबर दर्ज कर अपना रजिस्ट्रेशन कराएंगे। तुरंत ओटीपी आएगा। उसके माध्यम से लॉग-इन होगा। भूमिहीन परिवारों की बासगीत वाली जमीन की मापी निशुल्क होगी।
ऐसे होगा आवेदन
आवेदक मापी के सॉफ्टवेयर में अपने जमाबंदी के प्लॉट का चयन करेंगे। इसके बाद व्यक्तिगत विवरण, चौहद्दी का पूरा विवरण एवं मापी का कारण दर्ज करेगा। मांगे गए कागजात अपलोड करेगा। इतना करने के बाद सीओ के लागिन में आवेदन चला जाएगा।
सीओ जांच के बाद आवेदन को हलका कर्मचारी के पास ऑनलाइन अग्रसारित करेंगे। कर्मचारी की रिपोर्ट के आधार पर सीओ आगे की कार्रवाई करेंगे। अगर मापी संभव नहीं है तो कारण के साथ आवेदक को इसकी सूचना मिल जाएगी। अगर आवेदन सही है तो रैयत को सूचना दी जाएगी। उन्हें अमीन का शुल्क जमा करने के लिए कहा जाएगा।
रैयत देंगे तीन वैकल्पिक तिथि
शुल्क के बाद रैयत मापी के लिए तीन वैकल्पिक तिथियों के साथ आवेदन सीओ के पास भेज देंगे। मापी के दिन रैयत और अमीन के साथ चौहद्दी के भू स्वामी भी उपस्थित रहेंगे। उन्हें अंचल स्तर से ही सूचना दे दी जाएगी। अमीन मापी पूर्ण होने की सूचना सीओ को देंगे। सीओ के डिजिटल सिग्नेचर से रैयत को मापी का प्रमाण मिल जाएगा।
शुल्क पांच सौ और एक हजार
मेहता ने बताया कि एक रकबा की मापी के लिए रैयत को ग्रामीण क्षेत्र में पांच सौ और शहरी क्षेत्र में एक प्लाट के लिए हजार रुपया देना होगा। उन्होंने कहा कि जल्द मापी के लिए तत्काल की भी व्यवस्था की गई है। इसके लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा। एक दिन में किसी रैयत की अधिकतम चार रकबा की मापी होगी।
आदेश जारी
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने बुधवार को ही ई मापी पोर्टल के बारे आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने सीओ से कहा है कि पहले से प्राप्त आवेदन का निबटारा भी ऑनलाइन प्रक्रिया से करें।