ROHTAS: जिला व्यवहार न्यायालय के एडीजे प्रथम मनोज कुमार की अदालत ने एक किशोरी के साथ रेप और फिर उसकी हत्या से जुड़े मामले में गुरुवार (11 मई) को आरोपी को दोषी पाते हुए सजा की बिंदु पर सुनवाई की. एकमात्र अभियुक्त शाहिद को कुल कोर्ट ने रेप और हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई. साथ ही 76,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. मामले की प्राथमिकी करगहर थाना में दर्ज कराई गई थी.
क्या है पूरा मामला?
मामले की सुनवाई एडीजे प्रथम के न्यायालय में चल रही थी. मामले में अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अपर लोक अभियोजक विद्यासागर राय ने बताया कि घटना 16 जून 2009 की दोपहर दो बजे की है जो करगहर थाना क्षेत्र के एक गांव में घटी थी. लड़की के साथ रेप कर हत्या कर दी गई थी. दफना दिया गया था. पुलिस ने शव को निकालकर पोस्टमार्टम कराया था.
विद्यासागर राय ने बताया कि बक्सर के धनसोई गांव का रहने वाला शाहिद उस दिन किशोरी के गांव में आया हुआ था. उसी दौरान उसकी नजर पड़ोस से गोबर पाथ कर आई किशोरी पर पड़ी. इसके बाद अभियुक्त ने किशोरी को घर में अकेले पाकर दोपहर दो बजे घर में घुसकर दुष्कर्म किया था. घटना का खुलासा होने के डर से शाहिद ने किशोरी की गला दबाकर हत्या कर दी थी.
मां के बयान पर दर्ज हुई थी शिकायत
इस घटना को लेकर लड़की की मां के बयान पर थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी. मां ने कहा था कि वह उस समय वह अपनी लड़की के ससुराल (गाजीपुर) गई थी. घर में दूसरी लड़की और दो लड़के थे. 16 जून 2009 की शाम उनके लड़के ने फोन कर बताया था कि उसकी बहन की मौत हो गई है. लोगों ने कहा था कि लू लगने से मौत हो गई है. दूसरे दिन पता चला कि एक लड़के ने घर में घुसकर रेप किया और फिर बच्ची को मार दिया था.