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Bihar: कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने अरेस्ट वारंट से जुड़े आरोपों का किया खंडन, सच जान उड़ जायेंगे आपके होश

रिपोर्ट – संजय कुमार , भागलपुर

BHAGALPUR: कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने अरेस्ट वारंट से जुड़े आरोपों का किया खंडन। अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया । प्रेस वार्ता के दौरान अजीत शर्मा ने खुद पर लगाए गए सभी आरोपों पर सफाई दी और बताया कि आचार संहिता के मामले में उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट निकाले जाने वाली बात के पीछे कोई सच्चाई नहीं है।

अजीत शर्मा ने बताया की न उनके खिलाफ कोई अरेस्ट वारंट जारी किया गया है न ही बैल टूटने वाली बातों में कोई सच्चाई है, ये महज़ अफवाहें हैं। बता दें की अजीत शर्मा को आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में कोर्ट में हाजिर होना था लेकिन दो तारीखों पर उन्होंने हाजिरी नहीं लगाई। इसे लेकर अब उन्होंने अपना पक्ष सामने रखा है। अजीत शर्मा ने बताया की पहली तारीख पर हाजिरी ना लगाने का कारण उनकी मां का निधन था। मां की मृत्यु हो जाने के कारण वो पहली पेशी में शामिल नहीं हो पाए जिसके बाद 11 अगस्त की तारीख सुनवाई के लिए निर्धारित की गई। लेकिन उस दौरान बिहार में सियासी भूचाल चल रहा था और बिहार में महागठबंधन की सरकार लगभग बन चुकी थी।

अजीत शर्मा ने बताया की राजनीतिक गतिविधियों के कारण वो 11 अगस्त को भी सुनवाई के लिए जा नहीं पाए क्योंकि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले थे। जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें आगे की तारीख दी है जिसमे वो हाजिरी जरूर लगाएंगे। लेकिन ये बातें उड़ने लगी की अजीत शर्मा के खिलाफ कोर्ट में हाजिरी ना लगाने के कारण अरेस्ट वारंट जारी किया गया है और पुलिस उन्हें किसी भी वक्त हिरासत में ले सकती हैं। इन बातों पर स्पष्टीकरण देते हुए अजीत शर्मा ने आज प्रेस वार्ता के दौरान सारी झूठी बातों का सच सामने रखा।

बता दें की मामला साल 2009 का है। बहुजन समाज पार्टी से 2009 में हुए चुनाव में भाग्य आजमाने वाले अजीत शर्मा के विरुद्ध पीरपैंती के टोपरा क्षेत्र में कपड़े का बैनर सरकारी पोल में लगा देखा गया था। बैनर में बहुजन समाज पार्टी के अजीत शर्मा की तस्वीर लगी थी। उन्होंने आसपास के अन्य लोगों से पूछताछ बाद पीरपैंती थाने में शर्मा के विरुद्ध आदर्श चुनाव आचार संहिता का केस दर्ज कराया था। दर्ज केस में पुलिस की तफ्तीश बाद उनके विरुद्ध लगे आरोप को सत्य पाते हुए पुलिस ने 17 मई 2009 में आरोप पत्र दाखिल किया था। ये मामला अब एक बार फिर सुर्खियों में छा गया है और इसे लेकर अजीत शर्मा को कोर्ट में हाजिरी लगानी होगी।

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